Tuesday, May 10, 2011

ekant



एकांत
अकेले बैठे सुना है कभी खामोशी को? मन जब शांत होता है, अपनी सारी और देखलो फिर भी कोई नज़र नही आता, बस मैं
 और सिर्फ़ मैं.......... एकांत मैं रहेना और खुद से बाते करने मे एक अलग मज़ा है. अपने आप के लिए कुछ देर वक़्त निकालना. अपने आप के ही कई पुराने नये कारनामे या अफ़साने याद करना और मन ही मन मे मुस्कुराना. खुली निगाहो से अपने ही सपनो मे खोजाना.  ना चाहते हुवे भी अपनी तन्हाई यो से प्यार करना. बिना कोई फोकस के बैठे रहेना और एक ही दिशा मे देखते रहेना. मन मे स्पाइडरमॅन की तरह, तरह-तरह की बातो के जाल बुनना ,फिर उन्मने ही उलज जाना...कभी कभी तो मीठी सी नींद मैं खोजना.....
अक्सर एकांत रात को जादा महेसुस होता है, जब हम सोने जाते है तब. अपनी ही छत को देखते हुवे कुछ देर सोच भी लिया करो, शायद उसी सफेद छत पे आपके ख़यालो की तस्वीर नज़र आजाए. हम जाके सीधे सो जाते है, या बुक्स लेके पढ़ते पढ़ते फुसस्स्स हो जाते है. कपल बाते करके सो जाते है और बड़े लोग भगवान का नाम लेते सो जाते है. खेर सोना तो चाहिए ही पर तोड़ा वक़्त निकाल ने के बाद. कभी कही बाहर गये हो तो कुछ देर आसमान को या नेचर को देख ते रहेने मैं भी मज़ा आता है. एकांत का सीधा जोड़ अपने दिलो दिमाग़ के साथ होता है. जबही आता है हमेशा मन को निर्मल शांत कर देता है. नया जोश नयी उमंगे नयी तरंगे वही से जाग उठती है. कभी मंदिर मैं जाके सोचा है, हम वहा सब से जादा सुकून क्यू मिलता है ? क्यू की वाहा सबसे जादा शांति होती है, एकांत .......वो भगवान खामोश रहेके अपनी खामोशी को सुन लेते है. हम मन मैं कुछ कहते है उनसे और चले जाते है ये मान के की अपनी मुसीबतो का बेड़ा पार होगया. पेर देर असल हम वाहा पॉज़िटिव एनर्जी लेने जाते है , जो हमे वाहा के शांत महॉल से मिलती है. जिस से हमारे विचारो को नई प्रेरणा मिलती है. मंदिर मे कोई भी शोर नही होता सिवाय एक घंट नाद के "टन" "टन" . एकांत को चिर के अपने ख़यालो से अपने भगवान को परिचय दिलाता. सुकून वही मिलता है जहा हमे  अछा लगता है फिर वो प्रेमिका की बहो मैं खामोशी से सोजाना   हो या फिर  तकिये को सिने से ज़ोर से लिपट के अपने ख़यालो मे खो जाना हो....जहा जहा एकांत मिले वही से नया सवेरा मिले, सो अपने अंदर के एकांत को ढुंढ़ो और खोजाओ अपनी नई दुनिया मे.

जिगर पंड्या

1 comments:

जहा जहा एकांत मिले वही से नया सवेरा मिले +1
सुपर्ब जिगर....कीप इट अप

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