मौसम

एक बूँद गिरी मेरे बदन पर. तो लगा शायद बिल्डिंग के नीचे खड़ा हू तो किसी ने पानी डाला होगा. या फिर पेड़ पोधो को डालने वाला पानी गिरा होगा. पर उपर देख ही लेना चाहिए कुछ भरोसा नही है लोगो का कभी कभी मूह से भी पिचकारी उड़ाते है.

Friday, December 9, 2011

मंजिल destination

मंजिल हा हम सबको एक मंजिल की तलाश होती है हर वक़्त , जो हमारे लिए बनी है. जो हम ने निर्धारित की है अपने लिए. एक दिन उस मुकाम पर पहुचना है जहा से हमे अपने आप को देख ने मैं दिलचस्पी हो . लोग कहे "वाह , ये हुवी न बात ". अपने नक़्शे कदम पर चलने वाले भी हो. हम भी किसी के लिए रोल-मोडल बने. चलते चलते हम कहा तक आगये आज हमे पता भी नहीं . क्या सोचा था...

Sunday, September 11, 2011

टोय स्टोरी , खिलोने

टोय  स्टोरी , खिलोने याद है हम बचपन मैं जिस चीज़ के साथ खेला करते थे? जो सब से ज्यादा हमे अज़ीज़ थे , दोस्त होना हो वो हमेशा हमारे साथ रहेते थे. जि हा सुख हो या दुःख हो हमारे सिने से लिपटकर हमारी ही बाते सुना करते थे. वो थे हमारे खिलोने. ये टोपिक पर लिखने की प्रेरणा मुझे टॉय स्टोरी फिल्म देख कर मिली. कभी मोका मिले तो  देख लेना....

Sunday, July 31, 2011

pratibimb ....mirror

प्रतिबिंब एक अक्स दिखता है दूसरी और , अपना सा लगता है कभी सपना सा लगता है , कभी उसी पर प्यार आता है तो कभी गुस्सा आता है, कभी घंटो बिता देते है , कभी एक जलक देख कर निकल जाता है, बस हर वक़्त अपनापन जताता है, अपनी ही जालक दिखा ता है वो.............वो है प्रतिबिंब.... दर्पण की भी अजीब दास्तान है हमारा चहेरा ,रंग, रूप खूप पहेचानता है. जो हम करे वो करता...

Sunday, June 12, 2011

monsoon , मौसम

मौसम एक बूँद गिरी मेरे बदन पर. तो लगा शायद बिल्डिंग के नीचे खड़ा हू तो किसी ने पानी डाला होगा. या फिर पेड़ पोधो को डालने वाला पानी गिरा होगा. पर उपर देख ही लेना चाहिए कुछ भरोसा नही है लोगो का कभी कभी मूह से भी पिचकारी उड़ाते है. पर नही वाहा कोई नही था थोड़ा आगे गया तो फिर से कुछ बूँद गिरी.  हा ये और कुछ नही बारिश की बूँदे थी.....मौसम...

Tuesday, May 17, 2011

GOD - great organizer and destroyer

भगवान एक मज़ा देखा है आपने बड़े मंदिरो मैं हमेशा क़Q रहेगा..अरे अब भगवान को मिलने के लिए भी लाइन लगानी पड़ती है. जैसे दरदी बिना आपॉइंटमेंट डॉक्टर को नही मिल सकते वैसे जिंदगी के दर्दीओ को लाइन लगानी पड़ती है. डॉक्टर एक बीमार अनेक. वहा भी पैसे लेते है ओर यहा पैसे चढ़ते है..संभाल लेना भगवान थोड़ा टेन्षन चालू है. उन्हे खुश करने के लिए फूल भी चढ़ाते है...

Tuesday, May 10, 2011

ekant

एकांत अकेले बैठे सुना है कभी खामोशी को? मन जब शांत होता है, अपनी सारी और देखलो फिर भी कोई नज़र नही आता, बस मैं  और सिर्फ़ मैं.......... एकांत मैं रहेना और खुद से बाते करने मे एक अलग मज़ा है. अपने आप के लिए कुछ देर वक़्त निकालना. अपने आप के ही कई पुराने नये कारनामे या अफ़साने याद करना और मन ही मन मे मुस्कुराना. खुली निगाहो से अपने ही सपनो मे...

Tuesday, April 12, 2011

समय ....वक़्त.

समय ....वक़्त.. टिक टिक चलता हुवा ये वक़्त , कभी ना थामता हुवा, कभी ना रुकता हुवा. जिंदगी को अपने साथ लेता हुवा गुज़र ता रहेता है ये वक़्त...... कुछ उजलीसी किरनो के साथ सूरज को अपनी पनहा मैं लेके दिन की शुरुआत करता ये वक़्त.... तपती धूप मे खाने पिरोस ता तो कभी लोगो को अंगड़ाई दिलाता ये वक़्त. शाम के मौसम मैं सूरज को अपनी बहो मैं समेट ता हुवा ये वक़्त.. रात के आँचल मैं चुपके से छुप जाता ये वक़्त.कुछ अपना सा  कुछ बेगाना सा है ये वक़्त, हर किसी की ज़रूरत है ये वक़्त.. हर किसी को अपने बस मैं...

Sunday, March 27, 2011

PATH

पथ..........(रोड) जिसे आम जिंदगी मैं रास्ता काहेते है...जिंदगी की सुबह ईसी पर पाव रख के खड़े होके होती है और रात को भी उसी रास्ते पे सोते हुवे ख़तम होती है. हर किसी की मंज़िले ईसी रस्ते ने जोड़ी हुई है. जहा भी जाना है ये रास्ता आप को वही लेजता है. जिंदगी की तरह ये भी नये नये सर्प्राइज़ देता रहेता है. कभी किसी मोड़ पेर मूड जाके, तो कभी नज़रे जहा तक...

Page 1 of 612345Next