Monday, October 18, 2010

नरीमन पॉइंट........

नरीमन पॉइंट.........
मुंबई मैं आई हुवी एक एसी जगह, जहा कई लोगो के कई अरमान जुड़े हुवे
है.
 जी हा ,आज मैं उस जगह खड़ा हू जहा से एक कदम आगे मौत और एक कदम
पीछे जिंदगी खड़ी है. नरीमन पॉइंट......... आखरी छोर मुंबई शहेर का. एक और विशाल
समंदर जहा से शुरू होता है, वही दूसरी और मुंबई शहर की सड़के शुरू होती है.
फ़र्क सिर्फ़ दो कदमोका है. चमचमाती बिल्डिंग एक तरफ है तो दूसरी तरफ समंदर
की खामोश गहराई. मन मे कई सवाल उठ ते है क्या यही जिंदगी की
सचाई है? एक फेसला और एक फासला दूर होते है हम अपने मंज़िल से. हर
घड़ी हर मोड़ पर हमे दो रास्ते मिलते है. जाना कहा है वो हमे फैसला
करना है..एक मिस्टेक और जिंदगी के कई साल बर्बाद. उस ग़लत
फ़ैसेले का नाम तो होता है. यस जिसे हम बड़े प्यार से एक्सपीरियेन्स कहेते है.
जिसे पीछे छोड़ कर हम फिर से नया दाव और फिर से नई कहानी शुरू करते है.
हार से जीत तक का फासला तय करने के लिए यही तो काम आता है, एक्सपीरियेन्स.

यहा जितना सुकून मिलता है बैठ कर उतना ही दिल मचल जाता है ये देख
कर की जिंदगी कितनी अजीब होती है. तरह तरह के लोग यहा मिल जाते
है, कुछ कॉलेज के कपल तो कुछ यंग ग्रूप ,कुछ चाचा चाची
तो कुछ बच्चे और बाराती. सब अपने धुन मैं मगन कभी गगन को देख
मुस्कुराते है तो कही समंदर की छीटो को उड़ते देख चीलाते है. हर
एक का अपना अपना नज़रिया है. कोई जीने मरने के वादे करता है, तो कोई
अपने फ्यूचर के डेस्टिनेशन्स के बारे मैं चर्चा करता है , कोई मायुसी
छुपाने की कोशिश करता है तो कोई जन्‍म दिन मनाता है, कोई
अपनी सक्सेस पर खुशी मनाने आया है तो कोई हार्ट ब्रेक के कारण
समंदर का पानी बढ़ा रहा है. जगह एक ही है पर यहा दिखनेवाले
और महेसुस करनेवाले किस्से अनेक है. इसी लिए ये जगह बड़ी अजीब है.
 एक तरफ तेज दौड़ती गाडिया है तो एक तरफ अपनी मस्ती मैं स्लो चल रही
बोट है. जभी देखोगे एक नई कहानी काहेता ये समा दिखेगा और छोड़ जाएगा
आपके स्मृति पटल पे एक अनोखी याद.........

ए दिल है मुश्किल जीना यहा ज़रा बचके ज़रा हटके यहे मुंबई मेरी जान......




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