मौसम

एक बूँद गिरी मेरे बदन पर. तो लगा शायद बिल्डिंग के नीचे खड़ा हू तो किसी ने पानी डाला होगा. या फिर पेड़ पोधो को डालने वाला पानी गिरा होगा. पर उपर देख ही लेना चाहिए कुछ भरोसा नही है लोगो का कभी कभी मूह से भी पिचकारी उड़ाते है.

Monday, October 18, 2010

नरीमन पॉइंट........

नरीमन पॉइंट......... मुंबई मैं आई हुवी एक एसी जगह, जहा कई लोगो के कई अरमान जुड़े हुवे है.  जी हा ,आज मैं उस जगह खड़ा हू जहा से एक कदम आगे मौत और एक कदम पीछे जिंदगी खड़ी है. नरीमन पॉइंट......... आखरी छोर मुंबई शहेर का. एक और विशाल समंदर जहा से शुरू होता है, वही दूसरी और मुंबई शहर की सड़के शुरू होती है. फ़र्क सिर्फ़ दो कदमोका है. चमचमाती बिल्डिंग...

Sunday, October 17, 2010

बस ......

बस .............घुर्र्ररर या कहे बस..........स्टॉप हा हा ...या चलो कहेते है बस स्टॉप , जहा से रोज कई जिंदगिया यहा से वाहा सफ़र करती है| मानो जिंदगी घर से बाहर वही से शुरू होती है| वक़्त किसी के लिए रुकता नही और हम कभी भी वक़्त से पहेले कही पहुचते नही, ये जिंदगी है हर एक आम इंसान की| बस से शुरू होती है और वही बस पे ख्तंम होती है| इतनी भीड़ भाड़ मैं भी हम उसका साथ छोड़ते नही , क्यू छोड़े वही तो एक है जो कम दामोमे सही जगह पर पहुचाती है| कई क़िस्से है इस बस के| कभी टाइम से पहेले आजाती है तो कभी आती...

Friday, October 1, 2010

जिलो जिंदगी

जिलो जिंदगी जिंदगी बड़ी अजीब कीसम की होती है , कभी हार तो कभी जीत होती है | जिस पहेलू को हम समज नही पाते उसेभूल जाना ही अछा होता है वरना परेशानी बढ़ते बढ़ते इतनी बढ़ जाती है की पता ही नही चलता चलना शुरू कहा से किया था|  आज खुशी की कीमत इतनी जादा बढ़ गई है की उसे ढूंड ने के लिए हमे बाहर अलग अलग जगहो पेर जाना पड़ता है| यहा वक़्त ही जैसे नही है किसी के पास हर कोई अपनी मंज़िल की और दौड़ रहा है और घर आते ही घर के कामो मैं व्यस्त हो जाता है| दोस्त और सगे संबंधी बस अब नाम के लिए ही रहे गये है सच कहे...

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